Nature conservation

Nature conservation
Nature conservation 

हर रविवार की तरह यह रविवार भी हम तीनो मलीक,ललन और मै तीनो बहुत देर से उठे लेकिन कोई जल्दी बिस्तर से नही उठ रहा था, सभी अपने अपने मोबाईल चला रहे थे।इस तरह दोपहर के 12:00 बज चुके थे।हम लोग रूम से बाहर तब निकले जब सभी को भूख लगने लगी।जब हमलोग अचानक बाहर निकले तब हमलोग अचंभित रह गए ।क्योकि बाहर जो हमारे बगान मे केले का पेड कट चूका था।यह देख थोड़ा अजीब लगा फिर दूसरे रूम वाले से पुछने पर उसने बताया मालिक ने कटवा दिया। फिर दिल से एक ही आवाज आई सब मरेगा ।
दोपहर 3:00 बजे
फिर मै और ललन जब खाना खाकर स्कूटी से आय तब जैसे ही गेट के पास पहुंचे वैसे ही हर जगह का दृश्य पुरा खाली खाली लग रहा था। ऐसा लग रहा था मानो जैसे ये दुनिया खत्म होने को है।फिर ललन ने बोला बहुत बेकार लग रहा है यार , फिर दोबारा हमलोगो ने मालिक को गाली दिए।
प्रकृति से प्रेम
मुझे तो प्रकृति से पहले से प्रेम था , लेकिन ललन को  भी मेरी तरह प्रकृति से प्रेम हो गया था । वह जब भी कुछ काम करता तो उसी केले के पेड के नीचे बैठकर करता उसे इतना लगाव हो गया था कि वह उस केले को बहुत मिस कर रहा था ।और क्यो न करे क्योंकि इतने बडे बडे जगहो को छोडकर सिर्फ हमारे ही लोज मे तो एक केले का पेड था।जब भी बाहर से आते तब भी केले का पता हमारे चेहरे पर लगता और बहुत ही ठंडी लगता  और जब भी रूम मे गरमी लगती थी तब भी वह अपने ठंडे ठंडे हवा से मजा देता लेकिन आज हमने जब उसे कटा हुआ देखा तो मानो ऐसा लगा जैसे हमने एक साथी को खो दिया।
प्रकृति सिर्फ हमे जीवन ही नही देते बल्कि हमारा साथ आजीवन देते है जब हम गुस्सा होते है तब ठंडी हवा देकर तो कभी जब हम कभी थके हो तो छाव देकर ।
Nature conservation
Nature conservation 

प्रकृति नष्ट ना करे।
                        by Amit Rockzz 
                         

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