Shree krishna quotes

एक चिडिय़ा तिनका तिनका करके अपना घोंसला बनाती है, लेकिन जब तेज आँधी तुफान हवा बरीश आती है, तो उसका घोसला उजड़ जाता है । लेकिन वह चिडिय़ा ना रोती है ना पछताती है ना विलाप करती है , वह फिर से अपना घोंसला बनाने लग जाती है । इसी तरह हमारा जीवन होना चाहिए ।जब कभी हम असफल हो जाए,तो हमे रोने और किस्मत को दोष देने के बजाए,हमे फिर से मेहनत करना शुरू कर देना चाहिए ।
वासुदेव श्री कृष्ण ।
धन्यवाद ।

Comments